14 जुलाई को चांद के सफर पर निकला भारत का तीसरा मून मिशन
चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) लगातार आगे बढ़ रहा है। रविवार की रात यह चंद्रमा के और करीब पहुंच गया। चंद्रयान-3 की लाइव ट्रैकिंग (Chandrayaan-3 Live Tracking) इसरो लगातार कर रही है और इससे जुड़े अपडेट्स शेयर किए जा रहे हैं। चंद्रयान को उसके लक्ष्य के करीब ले जाने की पहली कवायद कल रात हुई। चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करने के बाद चंद्रयान के इंजनों की ‘रेट्रोफायरिंग' हुई। इसने चंद्रयान-3 को 4,313 किलोमीटर और आगे पहुंचा दिया।
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, इसरो ने बताया है कि इस तरह की अगली कोशिश 9 अगस्त को की जाएगी। उस दिन दोपहर 1 से 2 बजे के बीच चंद्रयान के इंजनों की फिर से ‘रेट्रोफायरिंग' होगी, ताकि चंद्रयान अपने लक्ष्य के और करीब पहुंच सके। 17 अगस्त तक ऐसी 3 और प्रक्रियाएं की जाएंगी।
सबकुछ तय योजना के अनुसार हुआ तो 23 अगस्त को चंद्रयान-3 चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग की कोशिश कर सकता है। शनिवार की शाम जब चंद्रयान ने चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया, तो मिशन के पूरा होने की उम्मीदें और बढ़ गईं।
चंद्रयान-3 स्पेसक्राफ्ट ने इसरो को एक मैसेज भी भेजा। इसमें लिखा था, “MOX, ISTRAC, यह चंद्रयान-3 है। मैं चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण महसूस कर रहा हूं।'' चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग से पहले इसरो की सबसे बड़ी चुनौती रोवर प्रज्ञान के साथ ही लैंडिंग मॉड्यूल ‘विक्रम' को स्पेसक्राफ्ट के ‘प्रपल्शन मॉड्यूल' से अलग करना होगा। इस दौरान कोई भी गड़बड़ी होने पर मिशन में बाधा आ सकती है।
इसराे ने 1 अगस्त की रात करीब 12 बजे चंद्रयान-3 को चंद्रमा की कक्षा की ओर रवाना किया था। इस मिशन का मसकद चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक चंद्रमा पर लैंड कराना और वहां चहलकदमी की क्षमताओं को साबित करना है। अभी तक तीन देश- अमेरिका, सोवियत यूनियन और चीन चंद्रमा पर अपने मिशन लैंड करा पाए हैं।