कोलकाता में फंगस से बीमार हुआ शख्स! सामने आया दुनिया का पहला केस, जानें क्या है ये बीमारी

रिपोर्ट में कहा गया है कि बार-बार खराब पदार्थ के संपर्क में आने से इस दुर्लभ इंफेक्शन का ट्रांसमिशन हुआ है।

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Written by हेमन्त कुमार, अपडेटेड: 1 अप्रैल 2023 20:10 IST
ख़ास बातें
  • शख्स की गर्दन में एक फोड़ा मिला जिसे सर्जरी की मदद से निकाला गया
  • दो साल तक निगरानी में रखने के बाद अब मरीज को बिल्कुल स्वस्थ बताया गया है
  • बार-बार खराब पदार्थ के संपर्क में आने से हुआ इंफेक्शन का ट्रांसमिशन

रिपोर्ट में कहा गया है कि बार-बार खराब पदार्थ के संपर्क में आने से इस दुर्लभ इंफेक्शन का ट्रांसमिशन हुआ है।

Photo Credit: Science Direct

फंगस से इन्सानों में होने वाले इंफेक्शन का पहला मामला कोलकाता में सामने आया है जो कि अपने आप में काफी हैरान करने वाला है। यह दुनिया का पहला ऐसा केस बताया जा रहा है जिसमें एक फंगी के कारण किसी इन्सान में बीमारी गई है। यह शख्स एक प्लांट मायकोलॉजिस्ट है जो फंगस यानि कवक आदि पर स्टडी करते हैं। शोधकर्ता कह रहे हैं कि यह केस बताता है कैसे फंगस के बहुत करीब आने पर इंसानों में उसका इंफेक्शन हो सकता है, जो कि इससे पहले सिर्फ पौधों में ही पाया जाता था। 

केस को ScienceDirect के Medical Mycology Case Reports नामक जर्नल में प्रकाशित किया गया है। जिसमें लिखा गया है कि 61 साल का ये शख्स जब अस्पताल पहुंचा तो उसमें गले में खराब आवाज, खांसी, थकान, और निगलने में परेशानी जैसे लक्षण थे जो कि पिछले तीन महीने से चल रहे थे। डॉक्टरों ने बताया है कि मरीज में HIV इंफेक्शन, गुर्दे की बीमारी, डायबिटीज या अन्य किसी लम्बी, पुरानी बीमारी का कोई इतिहास नहीं है। पेशे से वह एक प्लांट माइकोलॉजिस्ट है और मशरूम व अन्य फंगल पौधों पर रिसर्च का काम कर रहे हैं। 

हमारी सहयोगी वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार, कोलकाता के अपोले मल्टीस्पेशिअलिटी हॉस्पिटल के शोधकर्ता डॉक्टर सोमा दत्ता और डॉक्टर उज्जवायनी रे ने बताया कि कॉन्ड्रॉस्टीरियम परप्यूरियम नाम का फंगस पौधों में सिल्वर लीफ बीमारी का कारण होता है। यह खासकर गुलाब के पौधों में पाई जाती है। लेकिन यह पहला मामला है जब किसी इंसान में एक फंगल प्लांट के कारण इंफेक्शन हुआ है। पारंपरिक तरीकों से इसका पता भी नहीं लग पाया। सीक्वेंसिंग के माध्यम से इसका पता लग पाया। 

रिपोर्ट में कहा गया है कि बार-बार खराब पदार्थ के संपर्क में आने से इस दुर्लभ इंफेक्शन का ट्रांसमिशन हुआ है। शख्स की गर्दन में एक फोड़ा मिला जिसे सर्जरी की मदद से निकाला गया। वहीं, एक्स रे करने पर शरीर में कुछ भी असाधारण नहीं पाया गया। उसके बाद मरीज को एंटी फंगल दवाईयां दी गईं। दो साल तक निगरानी में रखने के बाद अब मरीज को बिल्कुल स्वस्थ बताया गया है। 
 

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