वकीलों की जॉब भी खतरे में! अगले महीने ‘रोबोट’ लड़ने जा रहा अपना पहला केस, जानें पूरा मामला

AI लॉयर कहें या चैटबॉट, इसे साल 2015 में जोशुआ ब्राउडर ने बनाया था, जो ‘DoNotPay’ सीईओ भी हैं।

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Written by प्रेम त्रिपाठी, Edited by आकाश आनंद, अपडेटेड: 18 जनवरी 2023 15:27 IST
ख़ास बातें
  • AI लॉयर फरवरी में अपना पहला केस लड़ने वाला है
  • यह एक आर्टिफ‍िशियल इंटेलिजेंस चैटबॉट है
  • इसे सवालों के जवाब देने और बातचीत करने के लिए तैयार किया गया है

सुनवाई के दौरान रोबोट वकील अपने क्लाइंट को यह भी बताएगा कि उसे क्या कहना है। क्‍लाइंट को यह जानकारी हेडफोन पर मिलेगी। (सांकेतिक तस्‍वीर)

Photo Credit: Unsplash

तर्क और बहस किसी भी केस के जरूरी हिस्‍से होते हैं। केस को लड़ने और जीतने के लिए वकील दिन-रात मेहनत करते हैं। जज के सामने तमाम तथ्‍य और तर्क पेश करते हुए अपनी बात रखते हैं। तब कहीं जाकर फैसला उनके क्‍लाइंट के हक में आ पाता है। हम आपसे कहें कि वकीलों का काम अब ‘रोबोट' यानी ‘AI लॉयर' करने वाला है। सुनकर कोई भी चौंक सकता है कि आखिर एक वकील की जगह रोबोट कैसे ले सकता है। अमेरिका में अगले महीने ऐसा होने वाला है, जब एक AI कोर्टरूम में एंट्री करेगा। 

रिपोर्टों के अनुसार, यह एक आर्टिफ‍िशियल इंटेलिजेंस चैटबॉट है, जिसे सवालों के जवाब देने और बातचीत करने के लिए तैयार किया गया है। यह AI लॉयर फरवरी में अपना पहला केस लड़ने वाला है। हालांकि अभी यह जानकारी नहीं है कि केस की सुनवाई कब होनी है। 

इस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रोबोट को ‘DoNotPay' नाम के स्टार्टअप ने बनाया है। यह कंपनी आमतौर पर लोगों को ट्रैफ‍िक चालान के मामलों में फाइट करने में मदद करती है। AI लॉयर कहें या चैटबॉट, इसे साल 2015 में जोशुआ ब्राउडर ने बनाया था, जो ‘DoNotPay' सीईओ भी हैं। उनका चैटबॉट कंज्यूमर्स को लेट फीस और फाइन के बारे में जानकारी देता था, लेकिन दावा है कि अब यह चैटबॉट केस लड़ने के लिए भी ट्रेंड हो गया है यानी वकील बन गया है। 

 

रिपोर्टों के अनुसार, सुनवाई के दौरान रोबोट वकील अपने क्लाइंट को यह भी बताएगा कि उसे क्या कहना है। क्‍लाइंट को यह जानकारी हेडफोन पर मिलेगी। अगर यह तरीका कामयाब होता है, लोगों को कानून के साथ डील करने का एक नया और अनोखा तरीका मिलेगा।  
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DoNotPay के सीईओ जोश ब्राउनर के हवाले से एक रिपोर्ट में लिखा गया है कि महंगी कानूनी फीस ने ट्रैफ‍िक कोर्ट में अच्‍छे वकील करने से रोक दिया है। जोश का कहना है कि ट्रैफ‍िक से जुड़े कई मामलों में जुर्माना सैकड़ों डॉलर तक पहुंच जाता है, लेकिन अच्‍छे वकीलों की महंगी फीस के चलते लोग उन्‍हें हायर नहीं कर पाते। 

ऐसे में जोश ब्राउनर और उनकी टीम ने सोचा कि क्या कानून को समझने और बहस करने के लिए एक ट्रेंड AI तैयार किया जा सकता है। एक इंटरव्‍यू में जोश ने कहा कि एक रियल कोर्ट सिचुएशन में AI का इस्‍तेमाल करना कोर्ट रूम में टेक्‍नॉलजी की इजाजत देने के कॉन्‍सेप्‍ट का प्रूफ होगा। रिपोर्टों में लिखा गया है कि चैटबॉट की मदद से कोर्ट में केस लड़ना सस्ता होगा। 
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प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ ...और भी

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