दुनिया के तमाम देशों के बीच तनाव है! रूस-यूक्रेन को जंग में उलझे साल भर से ज्यादा हो गया है। इस्राइल, गाजा से निपट रहा है। चीन-ताइवान में टेंशन है तो उत्तर कोरिया की धमकी दुनिया को डराती है। इन देशों को ये हिम्मत मिलती है उनकी सैन्य क्षमता से, जिसमें सुपरसोनिक मिसाइल्स अहम रोल अदा करती हैं। ये मिसाइलें अपनी स्पीड, रेंज और एक्युरेसी के लिए जानी जाती हैं, जिसका मतलब है कि टार्गेट पर लॉन्च करते ही ये सुपर स्पीड के साथ उसे बर्बाद करने के लिए दौड़ पड़ती हैं। आइए जानते हैं दुनिया की सबसे फास्ट मिसाइलों के बारे में।
रिपोर्ट्स के अनुसार, युद्ध के वक्त किसी भी देश का मकसद उसे जीतना होता है। सुपरसोनिक मिसाइल का काम बेहद तेज स्पीड से दुश्मन को टार्गेट करना है। ऐसी मिसाइलों से बचना आमतौर पर मुश्किल हो जाता है क्योंकि मिसाइल की तेज स्पीड टार्गेट को बचने का कम वक्त देती है।
अवांगार्ड (Avangard) को दुनिया की सबसे फास्ट मिसाइल कहा जाता है। इसे रूस ने डेवलप किया है। यह हाइपरसोनिक तकनीक पर काम करती है और 32 हजार किलोमीटर प्रतिघंटे की स्पीड तक पहुंचने में सक्षम है। इतनी स्पीड से दौड़ने की वजह से इसे रोकना नामुमकिन समझा जाता है। मिसाइल की रेंज 6 हजार किलोमीटर है। इसमें न्यूक्लियर 2MT का भी विकल्प है।
दुनिया की हाईस्पीड मिसाइलों में चीन भी अव्वल है। उसने 30,600 किलोमीटर प्रतिघंटे की स्पीड से दौड़ने वाली बैलिस्टिक मिसाइल बना ली है। नाम है- डॉन्गफेंग-41 (DF-41)। इसे चीन की सबसे फास्ट मिसाइल कहा जाता है, जो अंतरमहाद्वीप बैलिस्टिक मिसाइल है और 15 हजार किलोमीटर की रेंज तक दुश्मन को टार्गेट कर सकती है। मिसाइल की पेलोड क्षमता 2500 किलो है और यह अपने साथ 10 न्यूक्लियर वॉरहेड ले जा सकती है।
ट्राइडेंट 2 (Trident 2) अमेरिका की नेवी का हिस्सा है। यह रूस और चीन की मिसाइलों से अलग है, क्योंकि इसे पनपडुब्बी से लॉन्च किया जा सकता है। बैलिस्टिक मिसाइल क्लास की इस मिसाइल को काफी एक्युरेट माना जाता है। यह 29 हजार 654 किलोमीटर प्रतिघंटे की स्पीड से दुश्मन तक पहुंच सकती है। इसकी पेलाेड क्षमता 2800 किलो है। 2 हजार से 12 हजार किलोमीटर रेंज में यह टार्गेट को तबाह कर सकती है। साल 1990 से यह सर्विस में है। स्रोत : wikipedia, fairbd, Photos : ssbcrack