एमेजॉन (Amazon) का लाइवस्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म ट्विच (Twitch) कर्मचारियों की छंटनी कर सकता है। इसके असर से करीब 500 कर्मचारियों को अपनी जॉब से हाथ धोना पड़ सकता है, जो ट्विच की कुल वर्कफोर्स का 35 फीसदी है। कंपनी के कई टॉप ऑफिसर पहले ही रिजाइन कर चुके हैं। साल 2014 में एमेजॉन ने ट्विच को टेकओवर किया था। उसके 9 साल बाद पिछले साल ट्विच के पूर्व सीईओ एमेट शियर ने अपनी पोजिशन से इस्तीफा दिया था। तभी से कयास लगाए जा रहे थे कि आने वाले दिनों में ट्विच को वर्कफोर्स में कटौती का सामना करना पड़ सकता है।
एनडीटीवी की
रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी के अधिकारियों ने कहा है कि एमेजॉन के इन्फ्रास्ट्रक्चर पर ट्विच की निर्भरता के बावजूद एक महीने में 1.8 अरब घंटे की लाइव वीडियो कंटेंट वाली वेबसाइट चलाना काफी महंगा है। दिसंबर में ट्विच के अधिकारी डैन क्लैंसी ने कहा था कि कंपनी दक्षिण कोरिया में ऑपरेशंस को बंद कर देगी। क्योंकि वहां उसे कामकाज करने में काफी कॉस्ट आ रही है।
रिपोर्टों के अनुसार, हाल के वर्षों में ट्विच ने ऐड पर फोकस किया। उसके बावजूद बिजनेस में फायदा नहीं हो रहा है। यही वजह है कि कंपनी अब कर्मचारियों की छंटनी करने जा रही है। साल 2023 में दुनिया की दिग्गज कंपनियों ने अपनी वर्कफोर्स में कटौती की और अब 2024 में ट्विच के कदम के बाद यह सिलसिला जारी रह सकता है।
भारतीय कंपनियों की बात करें तो पेटीएम से लेकर फिजिक्सवाला जैसे स्टार्टअप भी कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा रहे हैं। स्पॉटिफाई बड़ी संख्या में कर्मचारियों की छंटनी कर चुकी है। गूगल, फेसबुक जैसी कंपनियों ने भी जॉब्स पर ‘तलवार' चलाई है। नए साल से ठीक पहले पेटीएम ने 1 हजार से ज्यादा जॉब्स पर कैंची चलाई, जो उसकी वर्कफोर्स का 10 फीसदी बताया जाता है।
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