फ्रांस से 36 राफेल विमान खरीद चुका भारत एक बार फिर इन्हें लेने का मन बना रहा है। नए राफेल विमानों की खरीदारी पर भारत और फ्रांस के बीच बैठक होने वाली है। 30 मई को एक हाई लेवल फ्रांसीसी दल भारत आ रहा है। इस दफा 26 राफेल समुद्री लड़ाकू विमानों पर बातचीत होगी। यह डील करीब 50 हजार करोड़ रुपये की बताई जा रही है। पाकिस्तान और चीन जैसे पड़ोसियों के कारण भारत के लिए राफेल काफी अहम है। दो इंजन वाले इस एयरक्राफ्ट से भारत अपने दुश्मन पर परमाणु हमला कर सकता है। यह विमान बहुत कम ऊंचाई पर उड़ने और हवा से हवा में मिसाइल दागने की क्षमता रखता है। आइए जानते हैं राफेल विमान की खूबियां।
राफेल दो इंजनों वाला फाइटर एयरक्राफ्ट है। इसे फ्रांस की कंपनी दसॉल्ट एविएशन बनाती है। साल 1970 में फ्रांस की नेवी और एयरफोर्स ने नए विमानों के निर्माण के बारे में सोचना शुरू किया। जिम्मेदारी आई दसॉल्ट एविएशन पर, जिसने कड़ी मेहनत के बाद 1986 में पहले मॉडल को उड़ाया। इस तरह शुरुआत हुई राफेल की। साल 1986 से 2019 तक इसकी 201 यूनिट बनाई जा चुकी हैं। फ्रांस की एयरफोर्स, नेवी के अलावा इजिप्ट की एयरफोर्स और इंडियन एयरफोर्स के पास ये विमान हैं।
राफेल का सबसे प्रमुख फीचर है इसकी स्पीड। यह एयरक्राफ्ट 50 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है। सिर्फ एक मिनट में यह उस ऊंचाई को हासिल कर सकता है। राफेल एक घंटे में 2222 किलोमीटर की स्पीड से उड़ सकता है। यह छोटे रनवे से भी उड़ सकता है और हवा से हवा में मिसाइलें दाग सकता है।
राफेल की तुलना अमेरिका के F-16 से करें तो यह उससे ज्यादा ऊंचा और लंबा है। पड़ोसी देश पाकिस्तान ने अमेरिका से एफ-16 खरीदे हैं। ऐसे में भारत को उसकी टक्कर का कोई भरोसेमंद विकल्प चाहिए था और राफेल उसका अच्छा प्रतिद्वंदी हो सकता है। तकनीक के मामले में भी यह काफी आगे है।
राफेल की मदद से हवा से हवा में टार्गेट पर निशाना लगाया जा सकता है। इसमें ऑक्सीजन जनरेशन सिस्टम लगा हुआ है यानी विमान में लिक्विड ऑक्सीजन भरने की जरूरत नहीं होती। राफेल में इलेक्ट्रॉनिक स्कैनिंग रडार फिट है जिससे यह दुश्मन की सटीक और रियल टाइम लोकेशन का पता लगा सकता है।
पाकिस्तान और चीन से सटी सीमा पर मौसम हमेशा अनुकूल नहीं रहता। ऐसे में राफेल मददगार हो सकता है। यह हर मौसम में खतरे को भांप सकता है। आमने-सामने की लड़ाई में यह कई टार्गेट्स पर एकसाथ हमला करके उन्हें ठिकाने लगा सकता है।
भारत के पास फिलहाल 36 राफेलों की मौजूदगी है। उनमें 28 हैं सिंगल सीट, जबकि 8 डुअल सीट हैं। जिन 26 नए राफेलों को खरीदने पर बात चल रही है, उन्हें इंडियन नेवी का हिस्सा बनाया जाएगा और समुद्री सुरक्षा में काम में लाया जाएगा।
राफेल विमान फ्रांस के अलावा जिन देशों के पास है, उनमें क्रोएशिया, इजिप्ट, ग्रीस, भारत और कतर शामिल हैं। भविष्य में इंडोनेशिया और यूएई भी इसके खरीदार बनने वाले हैं।
राफेल की क्रू क्षमता 1 से 2 क्रू की है। इसकी लंबाई 15.27 मीटर है। ऊंचाई 5.34 मीटर है। खाली राफेल विमान की क्षमता 10 हजार 300 किलो से 10 हजार 600 किलो तक है। विमान का ग्रॉस वेट 15 हजार किलो है। यह 24 हजार 500 किलो के मैक्सिमम वजन के साथ टेकऑफ कर सकता है। क्रू की संख्या के हिसाब से इसकी फ्यूल क्षमता अलग-अलग है।
राफेल विमान 15,835 मीटर यानी करीब 51,952 फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है। इसकी मैक्सिमम स्पीड 1912 किलोमीटर प्रति घंटा है। अफगानिस्तान, लीबिया, माली, इराक और सीरिया में हुई जंगों में राफेल ने अपनी क्षमता दिखाई है। भारत के रक्षा बेड़े में इनकी बढ़ती संख्या जाहिर तौर पर पाक-चीन को टेंशन में ला देगी। स्रोत : न्यूज वेबसाइट्स और विकिपीडिया