भारत का महत्वाकांक्षी मिशन गगनयान (Gaganyaan) मंगलवार को बड़ी खुशी लेकर आया! देश को वो 4 एस्ट्रोनॉट मिल गए, जो भारत की जमीं से अंतरिक्ष के सफर पर निकलेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चारों अंतरिक्ष यात्रियों के नाम का ऐलान किया। आइए जानते हैं क्या है गगनयान मिशन? कौन इसमें सवार होगा? क्या है मिशन का मकसद?
दुनियाभर के स्पेस एजेंसियां अब अपने दम पर अंतरिक्ष में जाना चाहती हैं। अमेरिका, रूस, चीन जैसे देश ये कर चुके हैं। भारत इस कतार में शामिल होने के लिए गगनयान मिशन को लॉन्च करना चाहता है। मिशन का मकसद एक इंडियन लॉन्च वीकल पर इंसानों को पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजना है और उन्हें सुरक्षित पृथ्वी पर वापस लाना है।
गगनयान मिशन को कामयाब बनाकर भारत, स्पेस सेक्टर में अपनी क्षमता को प्रदर्शित करना चाहता है। देश के तीन बड़े संस्थान ISRO, DRDO और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड मिशन से जुड़ीं जिम्मेदारियां पूरी करने में जुटे हैं। कोविड-19 की वजह से मिशन में देरी हुई है। लेकिन मंगलवार को हुई घोषणा के बाद जल्द इसके लॉन्च होने की उम्मीदें हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को उन चार नामों की घोषणा की, जो मिशन-‘गगनयान' के लिए ट्रेनिंग ले रहे हैं। इनमें ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर, अंगद प्रताप एवं अजीत कृष्णन और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला शामिल हैं। ये चारों कुछ समय से स्पेस में रहने की ट्रेनिंग ले रहे हैं। यात्रियों को अंतरिक्ष में कौन सा फूड परोसा जाए, इस पर भी काम फाइनल हो रहा है।
अंतरिक्ष यात्रियों के नाम का ऐलान करते हुए मंगलवार को पीएम मोदी ने कहा कि ये चार ऐसी ताकतें हैं जो देश के 1.4 अरब लोगों की आकांक्षाओं को समाहित करती हैं। उन्होंने कहा कि 40 साल बाद कोई भारतीय अंतरिक्ष में जाने के लिए तैयार है और इस बार उलटी गिनती, समय और यहां तक कि रॉकेट भी हमारा है।' प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें इस बात पर गर्व और खुशी है कि गगनयान मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन में उपयोग किए गए अधिकतर पुरजे भारत में बने हैं।
इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ पहले ही कह चुके हैं कि मिशन गगनयान को साल 2025 में अंतरिक्ष यात्रियों के साथ लॉन्च करने की तैयारी है। यह चंद्रयान-3 और आदित्य एल-1 मिशन के बाद इसरो का अगला बड़ा और महत्वपूर्ण मिशन होगा। इमेज क्रेडिट : @narendramodi, unsplash।