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50 लाख किलो का रॉकेट फ‍िर उड़ाने वाले हैं Elon Musk, क्‍या इस बार मिलेगी कामयाबी? नोट कर लें तारीख

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  • 50 लाख किलो का रॉकेट फ‍िर उड़ाने वाले हैं Elon Musk, क्‍या इस बार मिलेगी कामयाबी? नोट कर लें तारीख
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    50 लाख किलो का रॉकेट फ‍िर उड़ाने वाले हैं Elon Musk, क्‍या इस बार मिलेगी कामयाबी? नोट कर लें तारीख

    Starship Rocket 2nd Test Flight : एलन मस्‍क की स्‍पेस कंपनी ‘स्‍पेसएक्‍स' (SpaceX) एक बार फ‍िर से दुनिया के सबसे भारी रॉकेट ‘स्टारशिप' (Starship) को टेस्‍ट करने वाली है। इसके लिए 17 नवंबर की तारीख अब तक फाइनल की गई है। इसी साल 20 अप्रैल को स्पेसएक्स ने स्‍टारशिप रॉकेट को पहली बार टेस्‍ट किया था। अमेरिका के साउथ टेक्सास से हुई लॉन्चिंग फेल हो गई थी, क्‍योंकि उड़ान भरने के कुछ मिनटों बाद रॉकेट में विस्‍फोट हो गया था। इस बार ‘स्‍पेसएक्‍स' नई तैयारी के साथ टेस्‍ट फ्लाइट को उड़ाने वाली है। आइए इस बारे में विस्‍तार से जानते हैं।
  • 50 लाख किलो का रॉकेट
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    50 लाख किलो का रॉकेट

    स्‍टारशिप दुनिया का सबसे बड़ा और वजनी रॉकेट है। यह एक रीयूजेबल रॉकेट भी है। इसमें मुख्‍य रूप से दो भाग हैं। पहला है- पैसेंजर कैरी सेक्‍शन यानी जिसमें यात्री रहेंगे, जबकि दूसरा है- सुपर हैवी रॉकेट बूस्‍टर। स्‍टारशिप और बूस्‍टर को मिलाकर इसकी लंबाई 394 फीट (120 मीटर) है। जबकि वजन 50 लाख किलोग्राम है। जानकारी के अनुसार, स्टारशिप रॉकेट 1.6 करोड़ पाउंड (70 मेगान्यूटन) का थ्रस्ट उत्पन्न करने में सक्षम है। यह नासा के स्पेस लॉन्च सिस्टम (SLS) रॉकेट से लगभग दोगुना अधिक है।
  • कई वर्षों से रॉकेट पर हो रहा काम
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    कई वर्षों से रॉकेट पर हो रहा काम

    स्पेसएक्स कई वर्षों से ‘स्टारशिप' के प्रोटोटाइप को टेस्‍ट कर रही है। इसी साल अप्रैल में रॉकेट को पहली बार टेस्‍ट किया गया था, लेकिन कामयाबी नहीं मिली। गल्‍फ ऑफ मैक्सिको' के ऊपर रॉकेट में विस्‍फोट हो गया था। उस लॉन्‍च टेस्‍ट को देखने के लिए एलन मस्‍क खुद कमांड सेंटर में मौजूद थे। पहली विफलता के बाद कहा जा रहा था कि जल्‍द रॉकेट को दूसरी बार टेस्‍ट किया जाएगा। अब जाकर वह मौका आया है।
  • पहली बार यूं मिली थी नाकामी
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    पहली बार यूं मिली थी नाकामी

    इसी साल 20 अप्रैल की शाम स्‍टारशिप रॉकेट को पहली बार टेस्‍ट किया गया था। लिफ्टऑफ से 40 सेकंड पहले काउंटडाउन को रोकना पड़ा था। कुछ देर बाद काउंटडाउन दोबारा शुरू किया गया और जैसे ही लिफ्टऑफ हुआ, ऐसा लगा कि रॉकेट को उड़ान भरने में कुछ दिक्‍कत आई है। रॉकेट थरथराता हुआ नजर आया। फ‍िर वह तेज गति से आगे बढ़ा। कुछ मिनटों बाद गल्‍फ और मैक्सिको के ऊपर रॉकेट में विस्‍फोट हो गया।
  • क्‍या इस बार मिलेगी कामयाबी?
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    क्‍या इस बार मिलेगी कामयाबी?

    इस बार भी स्‍टारशिप रॉकेट को अमेरिका के टेक्सास के बोका चिका के पास स्टारबेस की फैसिलिटी से उड़ाया जाएगा। रिपोर्टों के अनुसार, स्‍पेसएक्‍स ने पिछली उड़ान से सबक लेते हुए इस बार काफी मेहनत की है। इस बार हॉट स्‍टेज सेपरेशन और थ्रस्‍ट वेक्‍टर कंट्रोल सिस्‍टम ने बदलाव देखने को मिलेगा। उम्‍मीद की जानी चाहिए क‍ि स्‍टारशिप रॉकेट इस बार ज्‍यादा बेहतर प्रदर्शन कर सकता है।
  • क्‍याें है इस रॉकेट की जरूरत?
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    क्‍याें है इस रॉकेट की जरूरत?

    स्‍पेसएक्‍स अपने लॉन्‍च में सफल होती है, तो भविष्‍य में इस रॉकेट की मदद से इंसानों को चंद्रमा और मंगल ग्रह तक ले जाया जा सकेगा। इससे इंसान सिर्फ पृथ्‍वी तक सीमित ना होकर म‍ल्‍टीप्‍लैनेटरी प्रजाति बन जाएगा। एलन मस्‍क की योजना भविष्‍य में मंगल ग्रह पर एक शहर को बसाने की है। स्‍टारशिप रॉकेट इसके लिए एक अहम कड़ी साबित होगा। तस्‍वीरें, वीडियो ग्रैब से।
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