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चांद पर बिजली सप्‍लाई का प्‍लान तैयार! कार बनाने वाली Rolls-Royce कर रही यह काम, जानें

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    चांद पर बिजली सप्‍लाई का प्‍लान तैयार! कार बनाने वाली Rolls-Royce कर रही यह काम, जानें

    दुनियाभर की स्‍पेस एजेंसियां मून मिशन लॉन्‍च कर रही हैं। वो अपने अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा की सतह पर उतारने से जुड़ी ट्रेनिंग दे रही हैं। मून मिशन से अब रोल्स-रॉयस (Rolls-Royce) भी जुड़ गई है। इसे फाइटर जेट इंजन और लग्‍जरी कार मेकर के तौर पर पहचाना जाता है। जानकारी के अनुसार, रोल्स-रॉयस एक न्‍यूक्लियर रिएक्‍टर डेवलप करने के लिए तैयार है, जो चंद्रमा पर ऊर्जा से जुड़ी जरूरतों को पूरा करेगा। इस काम को पूरा करने के लिए कंपनी को यूनाइडेट किंगडम की स्‍पेस एजेंसी से फंड मिला है।

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    रोल्स-रॉयस को मिला है फंड

    रिपोर्टों के अनुसार, रोल्स-रॉयस और यूके स्‍पेस एजेंसी के माइक्रो-रिएक्टर प्रोग्राम का मकसद चंद्रमा पर इंसानों के रहने के दौरान उन्‍हें ऊर्जा की सप्‍लाई सुनिश्चित करना है। रोल्स-रॉयस को 2 लाख 49 हजार पाउंड का फंड दिया गया था, ताकि वह चंद्रमा पर माइक्रो-रिएक्टर की व्यवहार्यता का आकलन करने के लिए स्‍टडी कर सके। अब उसे 2.9 मिलियन पाउंड का फंड चंद्रमा पर न्‍यूक्लियर रिएक्‍टर के प्रारंभिक प्रदर्शन के विकास के लिए द‍िया गया है।

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    अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी को मिल सकती है मदद

    गौरतलब है कि अमेरिकी स्‍पेस एजेंसी नासा (Nasa) एक बार फ‍िर से चंद्रमा पर इंसानों को उतारने की दिशा में काम कर रही है। साल 2025 में वह आर्टिमिस 3 मिशन को लॉन्‍च करना चाहती है, जिसका मकसद चंद्रमा पर लंबे समय तक इंसानी मौजूदगी सुनिश्चित करने के लिए काम करना है। रोल्स-रॉयस का न्‍यूक्लियर रिएक्‍टर इस दिशा में मददगार हो सकता है।

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    2029 तक तैयार हो सकता है रिएक्टर

    एक प्रेस रिलीज में यूके डिपार्टमेंट ऑफ‍ साइंस के राज्‍य मंत्री जॉर्ज फ्रीमैन के हवाले से कहा गया है कि 50 साल बाद इंसान को दोबारा से चांद पर भेजे जाने की तैयारी है, ऐसे में हम रोल्स-रॉयस के साथ मिलकर चंद्रमा के लिए न्‍यूक्लियर रिएक्‍टर तैयार करने जैसी स्‍टडी को सपोर्ट कर रहे हैं। रोल्स-रॉयस की योजना साल 2029 तक चंद्रमा के लिए एक रिएक्टर तैयार करने की है।

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    क्‍या काम करेगा न्‍यूक्लियर रिएक्‍टर

    अभी तक की जानकारी के अनुसार, जो रिएक्‍टर चंद्रमा पर काम करेगा, वह आम रिएक्‍टरों के मुकाबले साइज में छोटा होगा। यह चंद्रमा के बेस पर उस जगह काम करेगा, जहां अंतरिक्ष यात्री काम करेंगे। रिपोर्टों के अनुसार, न्‍यूक्लियर रिएक्‍टर कठिन मौसम में भी अपना काम कर सकता है। अगर यह काम सफल होता है, तो चांद पर लंबे समय तक इंसान को बसाया जा सकेगा। तस्‍वीरें, Unsplash व अन्‍य से।

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