शनि ग्रह के चंद्रमा पर मिला विशालकाय ‘फव्वारा', अंतरिक्ष में फेंक रहा पानी!
शनि ग्रह (Saturn) के सैकड़ों चंद्रमाओं में से एक एन्सेलेडस (Enceladus) ने वैज्ञानिकों को हमेशा से आकर्षित किया है। वह मानते आए हैं कि एन्सेलेडस पर मौजूद बर्फ की विशाल और मोटी परत के नीचे एक महासागर छुपा हुआ हो सकता है। हाल में इस चंद्रमा के बारे में कुछ ऐसा पता चला है, जिसने वैज्ञानिकों को हैरान किया है। एन्सेलेडस को जलवाष्प (watery vapor) के विशाल प्लम को अंतरिक्ष में सैकड़ों मील दूर फेंकते हुए कैप्चर किया गया है। यानी यह पानी को वाष्प के रूप में अंतरिक्ष में उड़ा देता है। इसे आप अंतरिक्ष फव्वारा भी कह सकते हैं।
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जेम्स वेब टेलीस्कोप ने लगाया पता
इस घटना का पता लगाया है जेम्स वेब टेलीस्कोप ने। यह अंतरिक्ष में तैनात अबतक की सबसे बड़ी दूरबीन है। जेम्स वेब टेलीस्कोप को साल 2021 में लॉन्च किया गया था। जुलाई 2022 से इसने पूरी तरह काम करना शुरू कर दिया था। एन्सेलेडस के बारे में इस टेलीस्कोप ने पिछले साल नवंबर में जानकारी जुटाई थी। हाल में हुई एक कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी गई।
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क्या कहा वैज्ञानिकों ने
नेचरडॉटकॉम के अनुसार, नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर में कार्यरत प्लैनेटरी एस्ट्रोनॉमर सारा फग्गी ने कहा कि वह जलवाष्प बहुत विशाल है। एक रिसर्च पेपर उस पर लिखा जा रहा है। खास यह है कि एन्सेलेडस को पहले भी अंतरिक्ष में पानी फेंकते हुए देखा गया है, लेकिन जेम्स वेब टेलीस्कोप ने इसे और विस्तृत रूप से देखा है। वाष्प के जेट, अंतरिक्ष में इतनी दूर तक जाते हैं, जो एन्सेलेडस की चौड़ाई से भी अधिक है।
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शनि पर भी असर डालते हैं जलवाष के जेट
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार, एन्सेलेडस से निकलने वाले जलवाष्प के जेट इतने पावरफुल हैं कि उनमें मौजूद मटीरियल के कारण शनि ग्रह पर एक रिंग बनती है। एन्सेलेडस की इस खूबी का सबसे पहले पता साल 2005 में चला था। नासा के कैसिनी स्पेसक्राफ्ट ने इसका पता लगाया था।
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और क्या निकलता है पानी के साथ
अभी तक के विश्लेषण से यह पता चला है कि एन्सेलेडस से निकलने वाले जलवाष्प के जेट में मीथेन, कार्बन डाइऑक्साइड और अमोनिया की मौजूदगी होती है। वैज्ञानिकों को लगता है कि जलवाष्प के जेट एन्सेलेडस के समुद्र तल में हाइड्रोथर्मल वेंट से आते हैं। हालांकि यह बात कितनी पुख्ता है, इस पर कोई रिसर्च अभी नहीं की गई है।
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एन्सेलेडस के लिए नासा बना रही सांप जैसा रोबोट
एन्सेलेडस पर मौजूद बर्फ के बारे में और जानने के लिए नासा एक रोबोट डेवलप कर रही है। यह रोबोट सांप के जैसा है। रोबोट को इस तरह डिजाइन किया गया है कि वह एन्सेलेडस की सतह तक पहुंच जाए। इसका पूरा नाम एक्सोबायोलॉजी एक्सटेंट लाइफ सर्वेयर (Exobiology Extant Life Surveyor) है। इसे शॉर्ट में EELS भी कहा जाता है। गौरतलब है कि ‘एन्सेलेडस' शनि ग्रह का छठा सबसे बड़ा चंद्रमा है। तस्वीरें, नासा व अन्य से।
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शनि ग्रह के चंद्रमा पर मिला विशालकाय ‘फव्वारा', अंतरिक्ष में फेंक रहा पानी!