खतरे में पृथ्वी! कभी भी टकरा सकता है हिरोशिमा पर गिरे बम जितना बड़ा ‘अदृश्य' एस्टरॉयड!
बात जब अंतरिक्ष की होती है, तो एस्टरॉयड (Asteroid) एक प्रमुख विषय बन जाते हैं। हमारे सौर मंडल में लाखों की संख्या में एस्टरॉयड घूमते रहते हैं और उनमें से कई पृथ्वी के करीब से होकर भी गुजरते हैं। वैज्ञानिक इन एस्टरॉयड्स को मॉनिटर करते हैं। उन्हें ट्रैक करते हुए एक नाम देते हैं, साथ ही यह पता लगाते हैं कि कोई एस्टरॉयड पृथ्वी से टकराने वाला तो नहीं है। इसके बावजूद वैज्ञानिक निश्चिंत नहीं है, क्योंकि हमारे ग्रह से किसी भी पल एस्टरॉयड्स यानी क्षुद्रग्रह टकरा सकते हैं। वैज्ञानिक नहीं जानते कि उनकी संख्या कितनी होगी।
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एक्सपर्ट ने दी चेतावनी
यह चेतावनी एक विशेषज्ञ ने दी है। यूरोपीय स्पेस एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ये ‘अदृश्य' एस्टरॉयड सूर्य की तेज चमक में छुपे होने के कारण दिखाई नहीं देते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि सूर्य की तेज चमक में ये ‘आफती' चट्टानें पृथ्वी की ओर आ सकती हैं। इनकी संख्या का भी पता नहीं है। ये एस्टरॉयड हिरोशिमा पर गिराए गए बम से कई गुना बड़े हो सकते हैं।
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चेल्याबिंस्क उल्कापिंड की कहानी
यूरोपीय स्पेस एजेंसी की रिपोर्ट में चेल्याबिंस्क नाम का एक उल्कापिंड का जिक्र भी किया गया है। साल 2013 में वह उल्कापिंड रूस में क्रैश हुआ था। वैज्ञानिकों को उसके पृथ्वी के ओर आने की भनक नहीं लग पाई थी। उस उल्कापिंड के गिरने से 1500 लोग जख्मी हुए थे। टक्कर इतनी भीषण थी कि घरों की खिड़कियों के शीशे टूट गए थे और लोग घायल हुए। वह उल्कापिंड हिरोशिमा पर अमेरिका द्वारा गिराए गए बम से 35 गुना बड़ा था।
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सूर्य की चमक से दिया धोखा
चेल्याबिंस्क उल्कापिंड ने सूर्य की तेज चमक में छुपकर वैज्ञानिकों को धोखा दिया था और ऐसे कई एस्टरॉयड हैं, जो सूर्य की चमक में धूमिल हैं। भविष्य में इस खतरे को कम करने के लिए वैज्ञानिक नियर अर्थ ऑब्जेक्ट मिशन (NEOMIR) नाम के एक नए सिस्टम को डेवलप करने पर काम कर रहे हैं। इसके जरिए लोगों को एस्टरॉयड या उल्कापिंडों के खतरे से बचने के लिए अलर्ट भेजा जा सकेगा।
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वैज्ञानिकों का यह है प्लान
NEOMIR को इस दशक के अंत तक रिलीज किया जा सकता है। यह सूर्य की दिशा से पृथ्वी की ओर आने वाली चीजों की निगरानी करेगा। ESA यानी यूरोपीय स्पेस एजेंसी ने अपने प्लैनेटरी डिफेंस प्रमुख रिचर्ड मोइसल के हवाले से लिखा है कि चेल्याबिंस्क के आकार के एस्टरॉयड लगभग हर 50 से 100 साल में पृथ्वी पर हमला करते हैं। अगर लोगों को इनके असर के बारे में बताते हुए अलर्ट किया जाता है, तो जान-माल के नुकसान को रोका जा सकता है। तस्वीरें, ESA और Unsplash से।
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