पिछले करीब 50 साल से दुनियाभर की अंतरिक्ष एजेंसियां मंगल ग्रह पर खोज कर रही हैं। आंकड़े बताते हैं कि मंगल ग्रह पर अबतक 14 अलग-अलग मिशनों के जरिए 18 मानव-निर्मित वस्तुएं (human-made objects) भेजी गई हैं। इनमें स्पेसक्राफ्ट से लेकर रोवर तक शामिल हैं। इनमें से कई मिशन अभी भी जारी हैं। इतने दशकों से मंगल ग्रह पर खोज करते हुए हमने इस ग्रह को भी ‘गंदा' किया है। मलबे के रूप में मंगल की सतह पर कई टुकड़े छोड़े गए हैं। आइए विस्तार से इस विषय को समझते हैं।
स्पेसडॉटकॉम की रिपोर्ट में कैगरी किलिक ने इस बारे में बताया है। वह पोस्टडॉक्टरल रिसर्च फैलो हैं और मंगल व चंद्रमा पर जाने वाले रोवर्स को ट्रैक करने के तरीकों को स्टडी करते हैं। उनके मुताबिक, पिछले महीने नासा (Nasa) ने कन्फर्म किया था कि मार्स रोवर पर्सवेरेंस (Perseverance) ने अपनी लैंडिंग के दौरान मंगल ग्रह पर कचरे का एक टुकड़ा देखा था। कैगरी कहते हैं कि ऐसा पहली बार नहीं है जब वैज्ञानिकों को मंगल ग्रह पर कचरा मिला है।
वह बताते हैं कि मंगल ग्रह पर कचरे 3 प्रमुख सोर्स से जनरेट होता है। इनमें ग्रह पर छोड़े गए हार्डवेयर, निष्क्रिय अंतरिक्ष यान और दुर्घटनाग्रस्त अंतरिक्ष यान शामिल हैं। कैगरी बताते हैं कि मंगल ग्रह की सतह पर हरेक मिशन के लिए एक मॉड्यूल की जरूरत होती है जो अंतरिक्ष यान की सुरक्षा करता है। इस मॉड्यूल में एक हीट शील्ड शामिल है। जब कोई स्पेसक्राफ्ट मंगल ग्रह पर उतरता है, तो मॉड्यूल के टुकड़े नीचे गिरते जाते हैं। ये अलग-अलग जगहों पर बिखर जाते हैं। यह छोटे-छोटे टुकड़ों में भी टूट सकते हैं।
हाल के वर्षों में कई मिशनों की लैंडिंग के दौरान इस तरह मलबा सामने आ चुका है। इसी साल जून महीने में पर्सवेरेंस रोवर ने रोवर के लैंडिंग वाली जगह से 2 किलोमीटर की दूरी चट्टानों के बीच में एक बड़ा, चमकदार थर्मल ब्लैंकेट देखा था। इसके अलावा, मंगल की सतह पर 9 निष्क्रिय अंतरिक्ष यानों की वजह से भी नए तरह के मलबे का निर्माण हो रहा है। इन यानों में मार्स 3 लैंडर, मार्स 6 लैंडर, वाइकिंग 1 लैंडर, वाइकिंग 2 लैंडर, सोजॉर्नर रोवर, बीगल 2 लैंडर, फीनिक्स लैंडर, स्पिरिट रोवर शामिल हैं।
इसके अलावा भी कई तरह का कचरा मंगल ग्रह की सतह पर बढ़ रहा है। उदाहरण के लिए क्यूरियोसिटी रोवर के एल्यूमीनियम पहियों के कुछ हिस्से टूट गए हैं। कैगरी किलिक कहते हैं कि मंगल पर भेजे गए सभी अंतरिक्ष यानों के द्रव्यमान को जोड़ा जाए, तो यह लगभग 22,000 पाउंड (9979 किलोग्राम) है। वह कहते हैं कि मंगल पर अभी जो अंतरिक्ष यान ऑपरेट कर रहे हैं, उनका वजन 6,306 पाउंड (2,860 किग्रा) है। इस हिसाब से मंगल ग्रह पर 15,694 पाउंड (7,119 किग्रा) मलबा बचा है, जिसका जिम्मेदार इंसान है।