• होम
  • फ़ोटो
  • ब्रह्मांड में एक दूसरे से ‘भिड़ीं' 3 आकाशगंगाएं, तस्‍वीर आई सामने, जानें इस टक्‍कर के मायने

ब्रह्मांड में एक-दूसरे से ‘भिड़ीं' 3 आकाशगंगाएं, तस्‍वीर आई सामने, जानें इस टक्‍कर के मायने

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय
  • ब्रह्मांड में एक-दूसरे से ‘भिड़ीं' 3 आकाशगंगाएं, तस्‍वीर आई सामने, जानें इस टक्‍कर के मायने
    1/5

    ब्रह्मांड में एक-दूसरे से ‘भिड़ीं' 3 आकाशगंगाएं, तस्‍वीर आई सामने, जानें इस टक्‍कर के मायने

    बीते करीब 30 साल से अंतरिक्ष में घूम रहा हबल स्पेस टेलीस्‍कोप (Hubble Space Telescope) वैज्ञानिकों समेत पूरी दुनिया को ब्रह्मांड की अनदेखी तस्‍वीरों से रू-ब-रू करवा रहा है। जेम्‍स वेब स्‍पेस टेलीस्‍कोप के लॉन्‍च होने के बाद भी हबल टेलीस्‍कोप अपना काम कर रहा है। इस टेलीस्‍कोप द्वारा ली गई नई इमेज वैज्ञानिकों को हैरान कर रही है। टेलीस्‍कोप ने तीन आकाशगंगाओं के बीच टकराव और उनके मर्जर यानी विलय की तस्‍वीर को क्लिक किया है।
  • मिलकर बनेगी एक बड़ी आकाशगंगा
    2/5

    मिलकर बनेगी एक बड़ी आकाशगंगा

    रिपोर्ट के अनुसार, यह तस्‍वीर इसलिए अहम है क्‍योंकि तीनों ही आकाशगंगाओं में नए तारे जन्‍म ले रहे हैं और आकाशगंगाओं का व‍िलय भी हो रहा है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) के अनुसार, टकराव के बाद तीनों आकाशगंगाओं का विलय हो जाएगा और एक बड़ी आकाशगंगा का निर्माण होगा। अभी इन आकाशगंगाओं के बीच सर्पिल (structure) स्‍ट्रक्‍चर दिखाई दे रहा है। विलय के बाद यह स्‍ट्रक्‍चर भी खत्‍म हो जाएगा।
  • बदल गया आकाशगंगाओं का आकार
    3/5

    बदल गया आकाशगंगाओं का आकार

    नासा के अनुसार, तस्‍वीर में जो 3 आकाशगंगाएं दिखाई दे रही हैं, उन्‍हें SDSSCGB 10189 के रूप में जाना जाता है। रिपोर्ट के अनुसार, इनका विलय बहुत नजदीक आ गया है। आकाशगंगाओं का आकार बदल चुका है। गैस और धूल ने उन्‍हें जोड़ा हुआ है। विलय से पहले ये आकाशगंगाएं बहुत ज्‍यादा रोशनी पैदा कर रही हैं। तस्‍वीर में ये भले करीब दिख रही हों, लेकिन इनमें अभी भी बहुत दूरी है।
  • एक-दूसरे से अब भी बहुत दूर हैं
    4/5

    एक-दूसरे से अब भी बहुत दूर हैं

    रिपोर्ट बताती है कि तीनों आकाशगंगाएं एक-दूसरे से लगभग 50 हजार प्रकाश-वर्ष दूर हैं। हालांकि एक आकाशगंगा से दूसरी और तीसरी आकाशगंगा के बीच की यह दूरी बहुत ज्‍यादा नहीं कही जा सकती। इसे आप ऐसे भी समझ सकते हैं कि हमारी मिल्‍की-वे की नजदीकी आकाशगंगा सूर्य से लगभग 25 लाख प्रकाश वर्ष दूर है। हबल स्‍पेस टेलीस्‍कोप कई साल से आकाशगंगाओं के बारे में जानकारी जुटा रहा है।
  • वैज्ञानिकों के लिए इस टक्‍कर की अहमियत
    5/5

    वैज्ञानिकों के लिए इस टक्‍कर की अहमियत

    वैज्ञानिक जानना चाहते हैं कि हमारे ब्रह्मांड की सबसे विशाल आकाशगंगाओं की उत्‍पत्ति कैसे होती है। वैज्ञानिक इसे ब्राइटेस्ट क्लस्टर गैलेक्सीज (बीसीजी) कहते हैं। बीसीजी का निर्माण्‍ होता है बड़ी आकाशगंगाओं द्वारा छोटी आकाशगंगाओं को निगलने से। कई वैज्ञानिकों को लगता है कि बीसीजी का निर्माण आज भी हो रहा है, जबकि कई वैज्ञानिक यह मानते हैं कि ये आकाशगंगाएं ब्रह्मांड बनने के शुरुआती दौर में बनी होंगी। अगर SDSSCGB 10189 के विलय से बीसीजी का जन्‍म होता है, तो वैज्ञानिक इस दिशा में आगे रिसर्च शुरू कर पाएंगे। तस्‍वीर, ESA/Hubble & NASA, M. Sun और unsplash से।
Comments

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2024. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »