शार्क टैंक इंडिया का दूसरा सीजन (Shark Tank India Season 2) चल रहा है, जिसमें कई स्टार्टअप अपने लिए फंडिंग की मांग करने शो में पहुंच रहे हैं। जहां एक ओर अपने प्रोडक्ट और विजन से पिचर्स आमतौर पर एक निवेश की तलाश में रहते हैं, वहीं इस सीजन में एक पिचर ऐसा भी आया, जिसने शार्क्स से फंडिंग के बजाय उनका समय मांगा। हम उद्यमी गुरसौरभ सिंह की बात कर रहे हैं, जिन्होंने शार्क टैंक इंडिया सीजन 2 के एपिसोड 30 में अपने आविष्कार DVECK (ध्रुव इलेक्ट्रिक कनवर्जन किट) को दिखाया। (Image Credit: Indiagram | @dhruvvidyutdv)
DVECK एक इलेक्ट्रिक कनवर्जन किट है, जिसे किसी भी साइकिल पर फिट करके उसे मोटर और बैटरी से चलने वाली इलेक्ट्रिक साइकिल में बदला जा सकता है। Dhruv Vidyut दिल्ली स्थित एक स्टार्टअप है, जिसने अभी तक अपना प्रोडक्ट बाजार में लॉन्च नहीं किया है। गुरसौरभ सिंह ने अपनी इस इलेक्ट्रिक कनवर्जन किट को पहली बार शार्क टैंक पर ही पेश किया है और उन्होंने शो में इस प्रोडक्ट के बारे में विस्तार से जानकारी दी। (Image Credit: Indiagram | @dhruvvidyutdv)
हालांकि, यहां सबसे चौंकाने वाली और दिलचस्प बात यह है कि गुरसौरभ अपने DVECK प्रोडक्ट के लिए किसी तरह की फंडिंग मांगने नहीं, बल्कि अपने इस आविष्कार के लिए शार्क्स का समय मांगने आए थे। शो में उन्होंने अपनी कंपनी में 0.5% इक्विटी के बदले शार्क्स से उनके 100 घंटे के समय की मांग की। (Image Credit: Indiagram | @dhruvvidyutdv)
गुरसौरभ ने शो में बताया कि DVECK एयरक्राफ्ट-ग्रेड एल्यूमीनियम से बना है। इसे केवल 20 मिनट में साइकिल पर इंस्टॉल किया जा सकता है और इसे पानी, धूल, मिट्टी या यहां तक कि आग से भी नुकसान नहीं पहुंचेगा। सिंह ने शो पर एक साइकिल पर लगे DVECK पर आग लगाकर इसकी प्रतिरोधक क्षमता को दर्शाने की भी कोशिश की। उन्होंने यह भी बताया कि इस किट की सबसे बड़ी खासियत इसकी पैडल चार्जिंग क्षमता है, जिसमें पैडल चलाते समय बैटरी पैक खुद चार्ज होगा। इसके अलावा, उन्होंने बताया कि वर्तमान में इस किट के बेस मॉडल की मैन्युफैक्चरिंग लागत 9,000 रुपये है। यह किट 25 kmph की टॉप स्पीड और 40 Km की रेंज देने का दावा करती है। इसकी पेलोड क्षमता 170 किलो है। (Image Credit: Indiagram | @dhruvvidyutdv)
उनके 100 घंटे के समय की मांग को लेकर सबसे पहले शो की जज विनीता सिंह ने खुद को इस डील से बाहर किया। इसके बाद, नमिता थापर ने भी इस पिच से खुद को आउट कर दिया। हालांकि नमिता ने इलेक्ट्रिक व्हीकल क्षेत्र में अपने नेटवर्क को गुरसौरभ के साथ शेयर करने का वादा किया।
वहीं, अनुपम मित्तल ने कहा कि सिंह को शो में पैसे की मांग करनी चाहिए, समय की नहीं, क्योंकि शो का आधार ही फंडिंग प्राप्त करना है। उन्होंने कहा कि सिंह को आगे के इस प्रोडक्ट की टेस्टिंग, प्रोडक्ट में सुधार और आखिर में प्रोडक्ट को बाजार में लॉन्च करने के लिए भी पैसे की जरूरत होगी। हालांकि, मित्तल ने गुरसौरभ के लिए एक शर्त रखी कि यदि सिंह 1 करोड़ रुपये जुटा लेते हैं, तो मित्तल 0.5% इक्विटी के लिए 100 घंटे का अपना समय देंगे।
आखिर में, पीयूष बंसल और अमन गुप्ता ने भी एक शर्त की पेशकश की कि दोनों के बीच 100 घंटे का बंटवारा होगा, लेकिन इस शर्त पर कि एक बार प्रोडक्ट तैयार हो जाने के बाद, पीयूष और अमन स्टार्टअप में पहले निवेशक होंगे। इस तरह तीन जज - अनुपम मित्तल, पीयूष बंसल और अमन गुप्ता गुरसौरभ को 0.5 प्रतिशत इक्विटी के बदले अपने 100 घंटे का समय देने के लिए मान गए, लेकिन दो शर्तों के साथ, पहला गुरसौरभ पहले 1 करोड़ रुपये का फंड हासिल करेंगे और दूसरा, प्रोडक्ट तैयार होने के बाद बंसल और गुप्ता इस स्टार्टअप के पहले निवेशक होंगे।