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सूर्य में हुआ पृथ्‍वी से भी 20 गुना बड़ा ‘छेद', निशाना बनी पृथ्‍वी! अब क्‍या होगा?

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    सूर्य में हुआ पृथ्‍वी से भी 20 गुना बड़ा ‘छेद', निशाना बनी पृथ्‍वी! अब क्‍या होगा?

    हमारा सूर्य (Sun) अपने 11 साल के सौर चक्र से गुजर रहा है और बहुत अधिक एक्टिव फेज में है। वैज्ञानिकों ने सूर्य में एक ‘छेद' का पता लगाया है, जो पृथ्‍वी से भी 20 गुना बड़ा है। साइंस में इसे ‘कोरोनल होल' कहते हैं। कोरोनल होल एक काला धब्बा होता है, जो सूर्य के सबसे बाहरी स्‍फेयर ‘कोरोना' में एक छेद के रूप में दिखाई देता है। दिलचस्‍प बात है कि एक सप्‍ताह के अंदर वैज्ञानिकों को सूर्य में दूसरा ‘कोरोनल होल' दिखाई दिया है। इसके असर से शुक्रवार को पृथ्‍वी की ओर 29 लाख किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से सौर हवाएं (Solar Winds) आएंगी।

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    क्‍या होती हैं सौर हवाएं

    नासा के अनुसार, सोलर विंड या सौर हवाएं सूर्य से न‍िकलकर हर दिशा में बहती हैं। यह सूर्य के मैग्‍नेटिक फील्‍ड को अंतरिक्ष तक ले जाने में सहायक होती हैं। यह हवाएं पृथ्‍वी पर चलने वाली हवाओं की तुलना में बहुत कम घनी होती हैं, लेकिन इनमें बहुत तेज रफ्तार होती है। इसे आप ऐसे भी समझ सकते हैं कि सौर हवाएं 20 लाख किलोमीटर प्रति घंटे से भी ज्‍यादा की रफ्तार से बहती हैं। यह इलेक्‍ट्रॉन और आयोनाइज्‍ड परमाणुओं से बनती हैं, जो सूर्य के मैग्‍नेटिक फील्‍ड के साथ तालमेल बैठाते हैं। सौर हवाएं जहां तक बहती हैं, वह सीमा ‘हेलिओस्फीयर' बनाती है। यह सूर्य का सबसे प्रभावित करने वाला क्षेत्र होता है।

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    पृथ्‍वी पर क्‍या हो सकता है असर

    रिपोर्टों के अनुसार, वैज्ञानिक यह जानने के लिए स्थिति का आकलन कर रहे हैं कि सौर हवाओं का पृथ्‍वी पर क्‍या असर हो सकता है। बताया जाता है कि सौर हवाएं बहुत ताकतवर हों, तो उसके असर से पृथ्‍वी पर इंटरनेट, मोबाइल फोन नेटवर्क और जीपीएस सिस्‍टम पर असर पड़ सकता है। ये हमारी पृथ्‍वी के चुंबकीय क्षेत्र और ऑर्बिट में मौजूद सैटेलाइट्स को भी प्रभावित कर सकती हैं। मौजूदा सौर हवाएं कितनी प्रभावी होंगी, यह कल यानी शुक्रवार को पता चलेगा, जब हमारी पृथ्‍वी इनका सामना करेगी।

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    इंसान भी होंगे प्रभावित?

    एक्‍सपर्ट मानते आए हैं कि ‘कोरोनल होल' पृथ्‍वी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते। ये सूर्य के कम गर्म और कम घने क्षेत्र होते हैं। कोरोनल होल दिखाई देते हैं, जब सूर्य अपने 11 साल के चक्र के दौरान कम एक्टिव होता है। कल पृथ्‍वी तक पहुंचने वालीं सौर हवाएं अगर हमारे ग्रह को प्रभावित करती हैं, तो ऑर्बिट में मौजूद सैटेलाइट्स प्रभावित होंगे और पृथ्‍वी पर अस्‍थायी रेडियो ब्‍लैकआउट हो सकता है। सौर हवाओं का इंसानों-जानवरों पर सीधा असर नहीं होता, क्‍योंकि ऐसे तूफानों से बचने के लिए हमारी पृथ्‍वी के चारों ओर एक सुरक्षात्‍मक परत मौजूद है।

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    आसमान में नजर आएंगे ऑरोरा

    सौर हवाओं की वजह से आसमान में ऑरोरा (Aurora) देखने को मिल सकते हैं। ऑरोरा (aurora) आकाश में बनने वाली खूबसूरत प्राकृतिक रोशनी है। यह रात के वक्‍त आमतौर पर नॉर्थ और साउथ पोल्‍स के पास देखने को मिलती है। ऑरोरा तब बनते हैं, जब सौर हवाएं पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र से इंटरेक्‍ट करती हैं। ऑरोरा की वजह से रात में आसमान हरे, लाल या गुलाबी आदि रंग से रोशन हो सकता है। तस्‍वीरें, spaceweather.gov, Nasa व अन्‍य से। नोट: पहली तस्‍वीर कोरोनल होल की है, अन्‍य सभी सांके‍तिक।

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