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22739 Km प्रति घंटे की रफ्तार से धरती के करीब आ रहा एस्‍टरॉयड, जानें कितना बड़ा है खतरा

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    22739 Km प्रति घंटे की रफ्तार से धरती के करीब आ रहा एस्‍टरॉयड, जानें कितना बड़ा है खतरा

    एस्‍टरॉयड्स (Asteroids) वो ऑब्‍जेक्‍ट हैं, जो वैज्ञानिकों को चिंता में डालते हैं। माना जाता है कि करोड़ों साल पहले हमारी धरती से डायनासोरों का खात्‍मा एक एस्‍टरॉयड के टकराने के कारण हुआ था। अगर कोई एस्‍टरॉयड पृथ्‍वी के वायुमंडल में प्रवेश करते हुए हमारी धरती से क्रैश हो जाए, तो बड़ी तबाही मचा सकता है। यही वजह है कि जब भी कोई एस्‍टरॉयड पृथ्‍वी की कक्षा से होते हुए गुजरता है, तो वैज्ञानिक उसे मॉनिटर करते हैं। एस्‍टरॉयड को तब तक मॉनिटर किया जाता है, जब तक वह पृथ्‍वी की कक्षा से बहुत दूर नहीं चला जाता। आज एक एस्‍टरॉयड पृथ्‍वी के करीब से गुजरने वाला है। यह हमारे ग्रह के लिए संभावित रूप से खतरनाक है। तो क्‍या हमें डरने की जरूरत है? आइए जानते हैं।

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    संभावित रूप से खतरनाक का मतलब?

    संभावित रूप से खतरनाक (Potentially Hazardous) का मतलब उन एस्‍टरॉयड्स से है, जो पृथ्‍वी से 8 मिलियन यानी करीब 80 लाख किलोमीटर या उससे कम दूरी से होते हुए गुजरते हैं। यह दूरी भले बहुत ज्‍यादा लगे, लेकिन खगोलीय दृष्टि से कम है। आज पृथ्‍वी के करीब आ रहा एस्‍टरॉयड हमारे ग्रह से सिर्फ 33 लाख 40 हजार किलोमीटर की दूरी से गुजरेगा। अपनी वेबसाइट में नासा जेपीएल ने बताया है कि इसका साइज एक बस के बराबर हो सकता है। अपनी दूरी की वजह से यह एस्‍टरॉयड पृथ्‍वी के लिए संभावित रूप से खतरनाक हो गया है। यही वजह है कि वैज्ञानिक इसे मॉनिटर कर रहे हैं।

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    आज करीब आ रहे एस्‍टरॉयड के बारे में जानिए

    नासा जेपीएल के अनुसार, आज जो एस्‍टरॉयड पृथ्‍वी के करीब आ रहा है, उसका नाम है- (2020 FQ)। इसे साल 2020 में खोजा गया था। एस्‍टरॉयड (2020 FQ) का साइज लगभग 40 फीट हो सकता है। यह अपोलो ग्रुप से ताल्‍लुक रखता है। नासा ने इस एस्‍टरॉयड को लेकर अलर्ट जारी किया है, क्‍योंकि यह 22 हजार 739 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से सफर कर रहा है। यह एस्‍टरॉयड 547 दिनों में सूर्य की परिक्रमा करता है।

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    क्‍या होते हैं एस्‍टरॉयड

    नासा के अनुसार, इन्‍हें लघु ग्रह भी कहा जाता है। जैसे हमारे सौर मंडल के सभी ग्रह सूर्य का चक्‍कर लगाते हैं, उसी तरह एस्‍टरॉयड भी सूर्य की परिक्रमा करते हैं। वैज्ञानिक अभी तक 11 लाख 13 हजार 527 एस्‍टरॉयड का पता लगा चुके हैं। ज्‍यादातर एस्‍टरॉयड एक मुख्‍य एस्‍टरॉयड बेल्‍ट में पाए जाते हैं, जो मंगल और बृहस्‍पति ग्रह के बीच है। इनका साइज 10 मीटर से 530 किलोमीटर तक हो सकता है। अबतक खोजे गए सभी एस्‍टरॉयड का कुल द्रव्‍यमान पृथ्‍वी के चंद्रमा से कम है।

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    तीन प्रकार के होते हैं एस्‍टरॉयड

    एस्‍टरॉयड को तीन वर्गों- सी, एस और एम टाइप में बांटा गया है। सी-टाइप (चोंड्राइट chondrite) एस्‍टरॉयड सबसे आम हैं। ये संभवतः मिट्टी और सिलिकेट चट्टानों से बने होते हैं और दिखने में गहरे रंग के होते हैं। ये सौर मंडल की सबसे पुरानी चीजों में एक हैं। एस टाइप के एस्‍टरॉयड सिलिकेट मटीरियल और निकल-लौह से बने होते हैं। वहीं एम टाइप एस्‍टरॉयड मैटलिक (निकल-लौह) हैं। इनकी संरचना सूर्य से दूरी पर निर्भर करती है। एस्‍टरॉयड जब पृथ्‍वी के करीब आते हैं, तो वैज्ञानिक इनके और पृथ्‍वी के बीच की दूरी को देखते हैं। इसके लिए सैटेलाइट और रडार की मदद ली जाती है।

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