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गजब : अमेरिका ने बिना पायलट के उड़ा डाला F-16 फाइटर जेट! कैसे हुआ मुमकिन? जानें

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    गजब : अमेरिका ने बिना पायलट के उड़ा डाला F-16 फाइटर जेट! कैसे हुआ मुमकिन? जानें

    आर्टिफ‍िशियल इंटेलिजेंस यानी AI हमारी जिंदगी को आसान बना रहा है। हालांकि एक दलील यह भी दी जाती है कि AI हमसे हमारा काम छीन रहा है। बीते दिनों हमने एक रिपोर्ट में बताया था कि अमेरिका में एक एआई रोबोट ‘वकील' के रूप में अदालत में अपने क्‍लाइंट का पक्ष रखेगा। AI का अगला टार्गेट पायलट नजर आते हैं। रिपोर्ट पर भरोसा किया जाए, तो एक मॉडिफाइड F-16 फाइटर जेट ने पूरी तरह से AI द्वारा कंट्रोल होने के दौरान उड़ान भरी और दूसरे विमान का मुकाबला किया। क्‍या है पूरा मामला, आइए जानते हैं।

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    17 घंटे से ज्‍यादा समय तक दिखाया दम

    इस जेट का नाम 'X-62A' और 'VISTA' बताया जाता है। डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, टेस्‍ट फ्लाइट के दौरान इस मॉडिफाइड F-16 फाइटर जेट ने कुल 17 घंटे से अधिक समय तक टेकऑफ, लैंडिंग के साथ-साथ युद्धाभ्यास किया। इस दौरान कोई भी इंसानी हस्‍तक्षेप नहीं हुआ। यह टेस्‍ट फ्लाइट बीते साल दिसंबर में अमेरिका के कैलिफोर्निया में एडवर्ड्स एयर फोर्स बेस में उड़ाई गई थी।

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    पहली बार किसी सामरिक विमान में AI का इस्‍तेमाल

    रिपोर्ट के अनुसार, मॉडिफाइड F-16 फाइटर जेट को संचालित करने वाले एल्गोरिदम को डिफेंस एडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट्स एजेंसी (DARPA) ने डेवलप किया था, जो अमेरिकी रक्षा विभाग की एक रिसर्च ब्रांच है। ऐसा पहली बार है, जब आर्टिफ‍िशियल इंटेलिजेंस का इस्‍तेमाल एक सामरिक विमान किया गया है। इस कामयाबी ने DARPA के एयर कॉम्बैट इवोल्यूशन (ACE) प्रोग्राम को तेजी से आगे बढ़ाया है।

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    AI के काम करने की गुंजाइश बढ़ी!

    वायु सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल रेयान हेफ्रॉन के हवाले से डेली मेल ने लिखा है कि हमने इस एल्‍गोरिदम को अलग-अलग परिस्थितियों में टेस्‍ट किया। इस दौरान किसी बड़े इशू का सामना नहीं करना पड़ा। जैसाकि हमने आपको बताया X-62A नाम का यह फाइटर जेट एक मॉडिफाइड मिलिट्री F-16 है, इसके सॉफ्टवेयर को ऐसे प्रोग्राम किया गया है, जिसमें AI के काम करने की गुंजाइश बढ़ जाती है।

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    टेस्‍ट फ्लाइट थी, इसलिए मौजूद था पायलट

    क्‍योंकि यह एक टेस्‍ट फ्लाइट थी, इसलिए बोर्ड पर एक सेफ्टी पायलट भी बैठा था, ताकि जरूरी होने पर कंट्रोल अपने हाथ में लिया जा सके। फ‍िलहाल यह फाइटर जेट तमाम निरीक्षणों से गुजर रहा है और इस साल इसे फ‍िर उड़ाया जाएगा। यह प्रोग्राम साल 2019 में शुरू हुआ था और ऐसा लगता है कि आने वाले समय में यह अच्‍छे से काम करने लगेगा।

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