अंतरिक्ष से पृथ्वी पर बैटरियां गिरने वाली हैं, वो भी पूरी 9। एक बारगी पढ़कर यकीन नहीं होता तो दोबारा पढ़िए… पृथ्वी से 400 किलोमीटर ऊपर स्पेस से 3 साल पहले रिलीज की गई 9 बैटरियां आज पृथ्वी पर क्रैश हो सकती हैं। इन्हें इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से 11 जनवरी 2021 को छोड़ा गया था। क्या यह घबराने वाली बात है? बैटरियां कहां गिरेंगी? क्या है इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन? आइए जानते हैं।
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से पृथ्वी पर आ रही बैटरियों को वजन 2.6 मीट्रिक टन के लगभग है। रिपोर्ट्स के अनुसार इनसे पृथ्वी को किसी तरह का नुकसान होने का अनुमान नहीं है। क्योंकि पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश करते ही बैटरियां जलने लगेंगी और खराब व राख हो जाएंगी।
पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते ही बैटरियां जल सकती हैं। इसके बावजूद इनके कुछ टुकड़े धरती पर आ सकते हैं। यूरोपीय स्पेस एजेंसी का कहना है कि टुकड़ों की वजह से पृथ्वी को कोई नुकसान नहीं होगा। किसी को चोट वगैरह लगने की संभावना भी नहीं है।
यूरोपीय स्पेस एजेंसी के तमाम डिपार्टमेंट बैटरियों को मॉनिटर कर रहे हैं। यह पता किया जा रहा है कि वो कहां और कब गिरेंगी। हालांकि इसकी सटीक जानकारी अभी नहीं है। वायुमंडलीय खिंचाव की वजह से बैटरियों की निश्चित स्थिति के बारे में कह पाना अभी वैज्ञानिकों के लिए मुश्किल है।
अंतरिक्ष से पृथ्वी पर ऑब्जेक्ट्स का आना नया नहीं है। आए दिन सैटेलाइट्स का मलबा सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर गिरता रहता है। हालांकि कई वर्षों में ऐसा हो रहा है, जब इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से इतनी बड़ी और भारी बैटरियां पृथ्वी पर आ रही हैं। वैसे भी अगले कुछ वर्षों में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन को ही पृथ्वी पर गिराए जाने की तैयारी है, क्योंकि तमाम देश उस प्रोजेक्ट को खत्म करेंगे।
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन धरती से 400 किलोमीटर ऊपर वैज्ञानिकों का एक अनुसंधान केंद्र है। यह अमेरिका, रूस समेत कई देशों का जॉइंट प्रोजेक्ट है। आईएसएस पर वैज्ञानिकों की एक टीम हमेशा तैनात रहती है और अंतरिक्ष से जुड़े प्रयोगों को पूरा करती है। आईएसएस के अलावा अंतरिक्ष में एक और स्पेस स्टेशन है, जिसे चीन ने तैयार किया है।