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4500 साल पुराने गीजा के पिरामिड में मिली 30 फीट लंबी ‘सुरंग', सामने आई तस्‍वीरें, क्‍या खुल जाएगा राज?

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    4500 साल पुराने गीजा के पिरामिड में मिली 30 फीट लंबी ‘सुरंग', सामने आई तस्‍वीरें, क्‍या खुल जाएगा राज?

    मिस्र के पिरामिड दुनियाभर में मशहूर हैं। इनकी संरचना इतनी शानदार और रहस्‍यमयी है कि हर साल लाखों लोग इन पिरामिड्स को देखने पहुंचते हैं। इन पिरामिडों के अंदर असल में क्‍या है, आजतक कोई नहीं जान पाया। इन्‍हीं पिरामिडों में शामिल है- 'द ग्रेट पिरामिड ऑफ गीजा'। इसे दुनिया के 7 अजूबों में से एक कहा जाता है। 4500 साल पुराने इस पिरामिड के रहस्‍य को सुलझाने में वैज्ञानिक जुटे हुए हैं। पहली बार इस पिरामिड के अंदर एक छुपे हुए कॉरिडोर का पता चला था, जिसे अब जाकर देखा गया है।

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    13 एकड़ में फैला, 479 फीट ऊंचा

    रिपोर्ट्स के अनुसार 'द ग्रेट पिरामिड ऑफ गीजा' की ऊंचाई लगभग 479 फीट है। पिरामिड कितना विशाल है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसका नीचे का हिस्‍सा लगभग 13 एकड़ में फैला है। कहा जाता है कि लगभग 23 लाख पत्‍थरों के ब्‍लॉक्‍स से मिलकर बना है 'द ग्रेट पिरामिड ऑफ गीजा'। ये पत्‍थर विशेष रूप से लाइमस्टोन और ग्रेनाइट हैं।

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    पिरामिडों के अंदर क्‍या है?

    कहा जाता है कि मिस्र के पिरामिडों के अंदर तहखाने हैं। इनकी संख्‍या कितनी है और उनमें क्‍या छुपाया या रखा गया है, इस बारे में अभी जानकारी नहीं है। एक बात यह कही जाती है कि इन पिरामिडों के अंदर मिस्र के राजा-रानियों व अन्‍य को दफनाया गया था। 'द ग्रेट पिरामिड ऑफ गीजा' में वैज्ञानिकों ने जो कॉरिडोर देखा है, उसका पता साल 2016 में चला था। वैज्ञानिक चाहते तो तभी उस तक पहुंच जाते, लेकिन इससे पिरामिड को नुकसान हो सकता था। उन्‍होंने इस कॉरिडोर तक पहुंचने के लिए एक प्रोजेक्‍ट तैयार किया।

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    ऐसे हुई कॉरिडोर की मैपिंग

    न्‍यूज एजेंसी की रिपोर्ट और डेली मेल में दी गई जानकारी के अनुसार, एंडोस्कोपिक कैमरा और कॉस्मिक-रे म्यूऑन रेडियोग्राफी नाम की तकनीक का इस्‍तेमाल कर एक्‍सपर्ट ने पहली बार कॉरिडोर की मैपिंग की है। उन्‍होंने बताया है कि यह कॉरिडोर 30 फीट (9 मीटर) लंबा और 7 फीट (2.1 मीटर) चौड़ा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह कॉरिडोर संभवत: एंट्री पॉइंट के चारो तरफ पिरामिड के वजन को रीडिस्‍ट्रीब्‍यूट करने में मदद करने के लिए डिजाइन किया गया है।

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    कभी दुनिया की सबसे ऊंची इंसानी संरचना थी

    'द ग्रेट पिरामिड ऑफ गीजा' लगभग 479 फीट ऊंचा है। रिपोर्ट के अनुसार, इसे 2560 ईसा पूर्व के आसपास शाही दफन कक्षों के रूप में बनाया गया था। यानी यहां राजा-रानियों को दफनाया गया था। यह ऐसा अजूबा है, तो इतने साल बाद भी खड़ा हुआ है। कहा जाता है कि साल 1889 में एफिल टॉवर के निर्माण तक यह दुनिया की सबसे ऊंची इंसानी संरचना थी। अधिकारियों ने कहा कि यह अधूरा कॉरिडोर जो मेन एंट्रेंस के पीछे है, पिरामिड के निर्माण के बारे में जानने में मदद कर सकता है। इससे जुड़ा विवरण नेचर कम्युनिकेशंस जर्नल में भी सामने आया है। तस्‍वीरें, रॉयटर्स, डेलीमेल व अन्‍य से।

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