ऑनलाइन फ्रॉड अब एक कदम आगे पहुंच गया है। अब किसी अनजान लिंक पर क्लिक किए बिना भी आपके डिवाइस पर अटैक हो सकता है।
अब ऑनलाइन जालसाजों ने जीरो-क्लिक (zero-click) मालवेयर का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है।
Whatsapp पर 20 से अधिक देशों के लगभग 100 लोगों को एक जीरो-क्लिक हैकिंग टूल ने निशाना बनाया। स्पाइवेयर को इजराइली कंपनी पैरागॉन सॉल्यूशंस ने बनाया था।
जीरो क्लिक हैक ऐसे अटैक होते हैं जिनमें यूजर किसी अनजान लिंक के लिए कोई एक्शन नहीं भी लेता है तब भी फ्रॉड या साइबर हैक हो सकता है।
ये पूरी तरह से रिमोट अटैक होते हैं। मालवेयर को इंस्टॉल करने के लिए किसी लिंक पर क्लिक करवाने की भी जरूरत नहीं होती है। इसलिए यह और ज्यादा खतरनाक है।
जीरो-क्लिक हैक किसी सिस्टम में घुसने के लिए डेटा वैरिफिकेशन लूपहोल का इस्तेमाल करता है।
सिस्टम सॉफ्टवेयर डेटा वैरिफिकेशन का इस्तेमाल करते हैं। इनमें मौजूद हल्का सा लूपहोल ही साइबर अपराधियों को अटैक करने का मौका दे देता है।
ये उन ऐप्स को टारगेट करते हैं जो मैसेजिंग या वॉयस कॉलिंग सुविधा देते हैं। क्योंकि ये सर्विस अविश्वसनीय सोर्स से डेटा रिसीव करने के लिए डिज़ाइन किए गए होते हैं।
गैजेट्स अपडेट्स
के लिए
क्लिक करें
Image: iStock