सुपरनोवा
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किसी तारे के भयंकर विस्फोट को सुपरनोवा कहते हैं। इस जबरदस्त धमाके से निकला प्रकाश और रेडीएशन पूरी आकाशगंगा को भी धुंधला कर देता है।


सुपरनोवा

Image Credit: NASA

सुपरनोवा अपनी चरमसीमा पर कुछ हफ्तो या महीनो में इतनी उर्जा प्रसारित कर सकता है, जितनी हमारा सूर्य अरबों साल के जीवनकाल में करेगा।


सुपरनोवा

Image Credit: NASA

सुपरनोवा के धमाके में सितारा अपने अधिकांश भाग को 30,000 किमी प्रति सेकंड (लाइट की स्पीड का 10%) तक की स्पीड से वातावरण में फेंकता है।


सुपरनोवा

Image Credit: NASA

तारा सूर्य के आकार से 10 गुना बड़ा भी हो सकता है। ये तारे विस्फोट के बाद तारकीय अवशेष का उत्पादन करते हैं और न्यूट्रॉन स्टार या ब्लैक होल बना सकते हैं।


सुपरनोवा

Image Credit: NASA

सुपरनोवा बनने का एक तरीका और है, जिसमें एक "व्हाइट ड्वार्फ तारा" अपने केंद्र में चक्कर लगा रहे साथी तारे से पदार्थ खींचता रहता है।


सुपरनोवा

Image Credit: Victor Buso &  Gaston Folatelli

ज्यादा पदार्थ इकट्ठा करने के कारण इसका द्रव्यमान बढ़ जाता है और ये इस व्हाइट ड्वॉर्फ के सुपरनोवा के रूप में फटने का कारण बनता है।


सुपरनोवा

Image Credit: NASA

सुपरनोवा को हमारी आकाशगंगा से नहीं देखा जा सकता। हालांकि, नासा द्वारा इसे देखने व स्टडी करने के लिए कई टेलीस्कोप यूज किए जाते हैं।


सुपरनोवा

Image Credit: Spacetelescope.org

नासा के हबल स्पेस टेलीस्कोप और चंद्र एक्स-रे वेधशाला दोनों ने सुपरनोवा के चित्र खिंचे हैं। 2012 में, नासा ने पहला ऑर्बिटिंग टेलीस्कोप लॉन्च किया था।


सुपरनोवा

Image Credit: Nasa ESA Y.Chou

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