धरती से 400 किलोमीटर ऊपर पृथ्वी का चक्कर लगा रहा इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) अगले 7 से 8 साल में खत्म हो जाएगा।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) कन्फर्म कर चुकी है कि आईएसएस को डीऑर्बिट करके पृथ्वी पर गिराया जाएगा।
जिस जगह पर ISS डीऑर्बिट होगा, उसे पॉइंट निमो (Point Nemo) कहा जाता है। पृथ्वी पर मौजूद इस जगह को ‘सबसे अकेला' स्थान कहा जाता है।
इसे सैटेलाइट्स का कब्रिस्तान भी कहा जाने लगा है। पॉइंट निमो दुनिया की ऐसी जगह है जहां कोई नहीं रहता।
इसे ‘दुर्गमता का ध्रुव' भी कहा जाता है। यह एक ऐसी जगह है, जहां से जमीनी इलाका भी 2,700 किलोमीटर दूर है, वह भी एक द्वीप की शक्ल में।
पॉइंट निमो, प्रशांत महासागर के बिल्कुल बीच में है। यहां कोई बसावट नहीं। 1970 के दशक से बाद से करीब 300 रिटायर्ड स्पेसक्राफ्ट को यहां गिराया गया है।
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन को भी निमो पॉइंट पर डीऑर्बिट करने की योजना है। नासा ने साल 2031 तक ISS को ऑफिशियली बंद करने का लक्ष्य रखा है।
109 मीटर लंबा और 4 लाख किलो से ज्यादा भारी आईएसएस, निमो पॉइंट पर गिराया जाने वाला सबसे बड़ा स्पेस कचरा होगा।
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन को साल 2030 और 2031 के बीच हटा दिया जाएगा। नासा का कहना है कि वह ISS के बिजनेस से बाहर निकल जाएगी।
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