भारत ने अंतरिक्ष में एक और ऊंची छलांग लगाने की तैयारी शुरू कर दी है।
ISRO ने जल्द से जल्द देश का पहला स्पेस स्टेशन (Indian Space Station) स्थापित करने पर काम शुरू कर दिया है।
इसका पहला मॉड्यूल अगले कुछ वर्षों में लॉन्च किया जा सकता है। इसे पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित किया जाएगा। जिसमें दो से चार अंतरिक्ष यात्री रह सकेंगे।
ISS को पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित करने के लिए भारत के सबसे शाक्तिशाली रॉकेट मार्क 3 का इस्तेमाल करने की प्लानिंग है।
चंद्रमा की सतह पर जीवन की संभावना का पता लगाने के लिए इस स्पेस स्टेशन का उपयोग देश करेगा।
पूरा तैयार होने के बाद स्पेस स्टेशन का कुल वजन लगभग 400 टन तक जा सकता है।
पूरा होने पर भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन में चार अलग अलग मॉड्यूल और कम से कम चार जोड़े सौर पैनल हो सकते हैं।
स्टेशन के पहले चरण में दो बड़े सौर पैनल होंगे, जो स्पेस स्टेशन को चलाने के लिए आवश्यक बिजली उत्पन्न करेंगे।
अंतरिक्ष विजन 2047 के हिस्से के रूप में अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करना भारत का लक्ष्य है। भारत अंतरिक्ष में स्पेस स्टेशन बनाने वाला चौथा देश होगा।
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