ISRO की पहली स्पेस बेस्ड सोलर ऑब्जर्वेट्री आदित्य एल 1 कल अपने लक्ष्य पर पहुंच जाएगी।
इसरो का यह सैटेलाइट अपने निर्धारित ऑर्बिट में 6 जनवरी की शाम 4 बजे एंट्री करेगा।
पिछले साल 2 सितंबर को लॉन्च किए गए मिशन ने अबतक 37 लाख किलोमीटर का घुमावदार फासला तय किया है।
आदित्य एल 1 पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर सूर्य पृथ्वी के पहले लैग्रेंजियन पॉइंट (एल1) के चारों ओर सूर्य की स्टडी करेगी।
L1 पॉइंट पृथ्वी और सूर्य के बीच एक संतुलित गुरुत्वाकर्षण वाली जगह है, जिसे स्पेस एजेंसियां ‘पार्किंग' भी कहती हैं।
यह ऐसा पॉइंट है, जहां से सूर्य पर हमेशा नजर रखी जा सकती है। जब मिशन अपना काम शुरू कर देगा तो इसरो को रियलटाइम में सौर गतिविधियों का पता चल पाएगा।
आदित्य स्पेसक्राफ्ट अपने साथ 7 साइंटिफिक इंस्ट्रूमेंट्स लेकर गया है। जिनकी मदद से सूर्य के अलग अलग हिस्सों को स्टडी किया जाएगा।
पिछले महीने आदित्य स्पेसक्राफ्ट ने सूर्य की फुल डिस्क इमेज खींची थी। स्पेसक्राफ्ट ने सूर्य को कैमरे में इस तरह से कैद किया, जो अब से पहले नहीं किया गया था।