IIT मद्रास के छात्रों ने वैक्यूम ट्यूब के अंदर हाई-स्पीड इंटर-सिटी यात्रा की कल्पना करते हुए एक प्रोटोटाइप डेवलप किया है।
भारत में रैपिड ट्रांजिट में क्रांति लाने के लिए Avishkar Hyperloop ने 30 मिनट में 350 Km की यात्रा करने का लक्ष्य रखा है।
विभिन्न अकादमिक लेवल के 50 से अधिक छात्र एलन मस्क के हाइपरलूप कॉन्सेप्ट के काम को आगे बढ़ाने के लिए सहयोग कर रहे हैं।
Avishkar Hyperloop यूरोपीय हाइपरलूप वीक 2023 में कुछ तकनीकी श्रेणियों में विश्व स्तर पर टॉप तीन टीमों में से एक थी।
ट्यूब इन्वेस्टमेंट ऑफ इंडिया और L&T कंस्ट्रक्शन जैसे उद्योग के दिग्गजों द्वारा भी इस प्रोजेक्ट को सपोर्ट मिला है।
इन्हें स्वदेशी हाइपरलूप सिस्टम के विकास के लिए 8.34 करोड़ रुपये के अनुदान के साथ रेल मंत्रालय से भी सपोर्ट मिला है।
Avishkar Hyperloop हाल ही में अपने इस प्रोटोटाइप का सफलतापूर्वक टेस्ट भी कर चुकी है।
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