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गिरने से ऐसे मरे थे डायनासोर!

6.6 करोड़ साल 
पहले एस्टरॉयड

एस्टरॉयड को धरती पर रहने वाली सबसे विशालकाय प्रजाति, डायनासोर के खात्मे का कारण माना जाता है। 

एस्टरॉयड से मरे थे डायनासोर

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कहा जाता है कि माउंट एवरेस्ट से भी बड़े एक एस्‍टरॉयड के पृथ्वी से टकराने के कारण धरती से डायनासोरों समेत तीन चौथाई जीव जंतु खत्‍म हो गए थे। 

माउंट एवरेस्ट जितना था एस्टरॉयड

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नई रिसर्च में कहा गया है कि एस्‍टरॉयड के पृथ्‍वी से टकराने पर धूल का जो गुबार फैला, उसने पृथ्‍वी को लंबी सर्दियों में धकेल दिया। 

फैला था धूल का गुबार

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एक जीवाश्‍म स्‍थल पर मिले पार्टिकल्‍स को स्‍टडी करने के बाद वैज्ञानिकों ने यह बात कही है। 

पार्टिकल्स की हुई स्टडी

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नेचर जियोसाइंस जर्नल में पब्लिश स्टडी कहती है कि एस्‍टरॉयड की टक्‍कर से महीन सिलिकेट की धूल निकली होगी। 

निकली होगी सिलिकेट की धूल

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यह धूल कम से कम 15 साल तक हमारे में वायुमंडल में रही होगी और ग्‍लोबल टेंपरेचर 15 डिग्री सेल्सियस तक नीचे चला गया होगा। 

15 साल तक फैली रही धूल!

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जिन पार्टिकल्‍स के हवाले से वैज्ञानिक इस नतीजे पर पहुंचे हैं, वो अमेरिका के नॉर्थ डकोटा में टैनिस जीवाश्म स्थल पर पाए गए थे। 

अमेरिका में पाए गए पार्टिकल

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स्‍टडी के अनुसार धूल के जिन कणों ने पृथ्‍वी को घेरा, वह 0.8 से 8.0 माइक्रोमीटर्स के थे। जो 15 साल तक वायुमंडल में बने रहने के लिए परफेक्‍ट हैं। 

पृथ्वी को घेरे रहे पार्टिकल

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इस धूल ने कम से कम एक साल तक पौधों में प्रकाश संश्‍लेषण की प्रक्रिया को बंद कर दिया होगा और जीव जंतुओं के लिए भोजन खत्‍म हो गया। 

पौधों तक नहीं पहुंची होगी धूप

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