पृथ्वी से बाहर दो प्रमुख स्पेस स्टेशन हैं। इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) सबसे पुराना है। दूसरा स्टेशन चीन का तियांगोंग है, जोकि उसने खुद के दम पर तैयार किया है।
भारत भी अपने अंतरिक्ष स्टेशन (BAS) पर काम कर रहा है। इसका लेटेस्ट डिजाइन सामने आ गया है।
भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन 52 टन के करीब वजन का होगा। पहले यह साइज 25 टन था।
स्पेस स्टेशन की लंबाई 27 मीटर और चौड़ाई 20 मीटर होगी। यह साइंटिफक एक्सपेरिमेंट के लिए पर्याप्त आकार होगा।
सामान्य मिशनों के दौरान भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन में 3 से 4 एस्ट्रोनॉट्स मौजूद रहेंगे। वहीं, थोड़े समय तक इसमें 6 अंतरिक्ष यात्री भी रुक पाएंगे।
BAS धरती से 400 450 किमी ऊपर ऑर्बिट में पृथ्वी का चक्कर लगाएगा। ISRO का लक्ष्य है कि BAS साल 2035 तक ऑपरेट करने लगे।
भारत के स्पेस स्टेशन में ऐसे सिस्टम भी लगाए जाएंगे, जिससे जरूरत पड़ने पर दूसरे देशों के स्पेसक्राफ्ट भी इसमें डॉक हो सकें।
अपना स्टेशन स्टेशन तैयार करने से पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री स्पेस की सैर करके आएंगे। वे कुछ वक्त के लिए इंटरनेशल स्पेस स्टेशन में रुक सकते हैं।
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