अंतरिक्ष में ग्रहों, उपग्रहों के अलावा एस्टरॉयड भी मौजूद हैं जो कि अबतक 13 लाख संख्या तक पहुंच चुके हैं।
इनको लघु ग्रह या क्षुद्र ग्रह कहा गया है, क्योंकि बनावट में ये ग्रहों से ही मिलते-जुलते हैं।
ग्रह से तुलना का दूसरा कारण यह कि ये भी सूरज के चारों ओर चक्कर लगाते हैं।
एस्टरॉयड की कक्षा ग्रहों की कक्षा से अलग होती है, लेकिन ये ग्रहों के रास्ते में भी आ सकते हैं।
नासा की जेट प्रॉपल्शन लेबोरेट्री ने ऐसे ही एक और एस्टरॉयड के लिए अलर्ट जारी किया है।
एस्टरॉयड 2020 PN1 कुछ घंटों के भीतर धरती के करीब आने वाला है। यह 90 फीट का पत्थर है जो बिजली की तेजी से आएगा।
यह एस्टरॉयड 68.90 लाख Km तक धरती के नजदीक आएगा। यह सूरज का एक चक्कर 367 दिन में पूरा करता है।
Livescience के अनुसार, 6.6 करोड़ साल पहले 12 किलोमीटर बड़े एस्टरॉयड ने धरती पर तबाही मचा दी थी।
इसमें डायनासोर जैसे भीमकाय जीव भी खत्म हो गए थे। इसी तरह छोटे एस्टरॉयड भी विनाशकारी हो सकते हैं।
2013 में रूस के चेलयाबिंस्क में 59 फीट का उल्का पिंड फटा था जिसने 1500 लोगों को घायल कर दिया था।