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एस्टरॉयड खनिज पदार्थों की बनी चट्टानें होती हैं। ये आकार में 50 फीट से 500 फीट तक बड़े भी हो सकते हैं।
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NASA ने एस्टरॉयड ट्रैकिंग के लिए जेट प्रॉपल्शन लेबोरेटरी (JPL) बनाई है। यह एस्टरॉयड पर नजर रखती है।
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नासा की JPL ने एस्टरॉयड 2012 SX49 के लिए अलर्ट जारी किया है।
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Asteroid 2012 SX49 एक घर जितना बड़ा पत्थर है जो कि साइज में 64 फीट का है।
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यह चट्टानी टुकड़ा 29 अगस्त को धरती के बेहद नजदीक आने वाला है जो कि खतरे से खाली नहीं है।
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एस्टरॉयड जब धरती के करीब पहुंचेगा तो पृथ्वी और इसके बीच की दूरी मात्र 42 लाख किलोमीटर रह जाएगी।
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ऐसी स्थिति में बहुत संभावना होती है कि एस्टरॉयड धरती के गुरुत्वाकर्षण के कारण इस पर आ गिरे।
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एस्टरॉयड का धरती पर गिरना बड़ी तबाही ला सकता है। इसलिए नासा इनको ट्रैक करती है।
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हालांकि नासा ने Asteroid 2012 SX49 के लिए अभी तक धरती से टकराने जैसी कोई सूचना जारी नहीं की है।
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