धरती से 400 किलोमीटर ऊपर अंतरिक्ष में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) बनाया गया है।
यह अंतरिक्ष यात्रियों का दूसरा घर है, जहां वैज्ञानिकों की तैनात टीम स्पेस मिशनों को पूरा करती है।
कई बार स्पेस स्टेशन के सामने चुनौतियां आ जाती हैं, जैसे कि अंतरिक्ष में घूमता सैटेलाइट का मलबा आदि।
अगर ये मलबा स्पेस स्टेशन से टकरा जाए तो इसे तबाह भी कर सकता है। ISS के सामने फिर ऐसी ही चुनौती आई।
स्पेस स्टेशन कक्षीय मलबे की चपेट में आते आते बच गया जब एक कार्गो शिप स्पेस स्टेशन में पहुंचने वाला था।
न्यूज एजेंसी TASS ने जानकारी दी कि टक्कर से बचाने के लिए आईएसएस की कक्षा को 900 मीटर तक ऊपर कर दिया गया।
इससे ISS की कुल ऊंचाई पृथ्वी से 417.98 किलोमीटर हो गई थी। इस साल दूसरी बार ISS की कक्षा में बदलाव करने की नौबत आई है।
1999 के बाद से पिछले साल दिसंबर तक ISS की कक्षा में 32 बार बदलाव किया गया, ताकि मलबे के साथ टक्कर होने से बचाया जा सके।
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन को साल 2030 और 2031 के बीच हटा दिया जाएगा। नासा का कहना है कि वह ISS के बिजनेस से बाहर निकल जाएगी।
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